अहलेबैत (अ.स.) न्यूज़ एजेंसी (अबना) की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी मामलों के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रैंडी ने चेतावनी दी है कि सूडान में रैपिड सपोर्ट फोर्सेज की सैन्य बढ़त पड़ोसी देशों की ओर सामूहिक विस्थापन की एक नई लहर पैदा कर सकती है, क्योंकि संघर्ष और हिंसा का दायरा लगातार बढ़ रहा है।
यह चेतावनी ऐसे समय आई है जब रैपिड सपोर्ट फोर्सेज ने दारफुर क्षेत्र के शहर अल-फाशिर पर नियंत्रण कर लिया है। यह कदम सूडानी सेना के साथ लगभग ढाई साल पहले शुरू हुए युद्ध के बाद से उनकी सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है। इसके अलावा, इस महीने इन सेनाओं ने पूर्व की ओर कोरदोफन क्षेत्र में भी बढ़त की और देश के सबसे बड़े तेल क्षेत्र पर कब्ज़ा कर लिया।
ग्रैंडी ने बताया कि कोरदोफन में हाल के संघर्षों के कारण विस्थापित हुए अधिकांश लोग अभी भी सूडान के अंदर ही हैं, लेकिन अगर यह युद्ध बड़े शहरों जैसे कि अल-ओबेद तक पहुँच गया, तो स्थिति बदल जाएगी। पोर्ट सूडान बंदरगाह से सोमवार शाम को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, अगर ये शहर युद्ध की चपेट में आ गए, तो मुझे यकीन है कि हम विस्थापन की एक नई लहर देखेंगे।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी देशों में मानवीय सहायता संगठन पूरी तरह से तैयार हैं, ताकि सीमाओं से शरणार्थियों के आने की संख्या बढ़ने पर वे तुरंत जवाबी कार्रवाई कर सकें।
गौरतलब है कि अप्रैल 2023 में सूडानी सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज के बीच संघर्ष शुरू होने के बाद से, दसियों हज़ार लोग मारे गए हैं और 1.2 करोड़ से अधिक लोगो को देश के अंदर और बाहर अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा है। संयुक्त राष्ट्र ने इस संकट को वर्तमान में दुनिया का सबसे भयानक मानवीय संकट बताया है।
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